Sunday, October 17, 2021

लोह पथ गामिनी - रेल : रेलयात्रा * हिंदी कविता - RHYTHMIC POEM ON TRAINS JOURNEY

Pls Listen RAILYATRA  to experience  more realistic poetry  by single click on below Image .

          **** रेलयात्रा *****

 रेल : रेलयात्रा 


 





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लहरों सी लहराती जाये 

सीटी बजाती धुआं उड़ाती जाये 

कोई न रोक सके रफ़्तार 

लोह पथ गामिनी ये कहलाये


दुनिया भर का  बोझ उठाये 

रात और दिन का सफर कराये 

सबसे उत्तम इसकी  सवारी 

सबकी सुरक्षा की जिम्मेदारी 


भ्रमण रेल का  मन भरमाये  

कुल्हड़ की चाय  जी ललचाये 

चाट पकोड़ी  चटनी कचौड़ी 

सब्ज़ी - पूरी  भूख बढ़ाये ।


रेल की दोस्ती  याद रह जाये 

छोटी मुलाकातें बड़ी बातें कराये 

मिलजुल के हमें  रहना सिखाये 

भेदभाव की भावना  मिटाये 


नगरी नगरी सबको पहुचाये 

दोस्तो, रिश्तेदारों से हमें मिलाये 

कश्मीर से कन्याकुमारी की 

यात्रा  ये आसान बनाये


मंज़िल से ज़ादा  सफर का मज़ा है 

होता सबको उल्लास बड़ा है 

रेल से सीखा  हमने यारो 

मिलो की दूरी तत्काल में हो जाये 

रिश्ते हो करीब तो दूरी घट जाये। 



9 comments:

  1. Lovely Rail Yatra....🤗🤗😎

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  2. Manzil se zada safar ka maza hai....best line Vinu..

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  3. वाह बहुत बढ़िया।👌👌👌

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  4. मन भरमाये जी ललचाये
    याद रह जाये हमें मिलाये l
    रात और दिन का - सफर कराये
    छोटी मुलाकातें - बड़ी बातें कराये ll

    क्याा सुंदर लिखा है मन खुश हो गया l

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  5. Wants to ride in this rail...Ms. Vinita
    By Neelu

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  6. Shabaash q1👍👍👍🤗🤗🤗👌🏻👌🏻👌🏻💝💝

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