Wednesday, October 06, 2021

# In Love With Nature # Attraction Of Beauty # Hindi Poetry On Love

Love With Nature


उफ़ ये मौसम 

सुहानी सी फ़िज़ा 

उसपे ये अदा 

कैसे न हो फ़िदा 

फिर भी इलज़ाम 

 कैसे नादान 

कातिल है कौन 

अब कहे * कौन 

 हार गए  

हम खुद ही दिल को 

अब  तुझको इलज़ाम दे कौन ?


         ****************


6 comments:

Favourites

क्या अब भी इम्तिहान है ! #Hindi Poetry on life

Life   इम्तिहान है  ये कैसा एहसास है के दर्द भी अब रास है  बोझल है आँखें थकान से न जाने किसकी आस है  कह रही है झुकते उठते  खुद से ही ऐतराज़ ह...