Love With Nature |
उफ़ ये मौसम
सुहानी सी फ़िज़ा
उसपे ये अदा
कैसे न हो फ़िदा
फिर भी इलज़ाम
कैसे नादान
कातिल है कौन
अब कहे * कौन
हार गए
हम खुद ही दिल को
अब तुझको इलज़ाम दे कौन ?
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गोपाला प्रभु नाम थारो गोपियन की मटकी तोड़ डारो माखन देख तोरा जी ललचाए नटखट कन्हैया बाज़ न आये आंख मिचोली मैया के संग रात दिन उनको सतायु ऐसो छल...
❤😍
ReplyDeleteआपकी पंक्तियाँ कभी कभी सुपरफास्ट एक्सप्रेस की तरह होती है।😊
ReplyDeleteसतीश।
Qatilll
ReplyDeleteKhoobsurat qatil
ReplyDeleteAmazing voice and beautiful thoughts
ReplyDeleteBeautiful Yaar...sweet voice
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