Sunday, October 24, 2021

प्रिय -हिंदी कविता #Poetry On Valentine's Day

प्रिय- Love Poetry

 


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क्यों न प्यार करले  ऐसे मौसम  में  

है सबकुछ भुला दिया तेरी चाहत ने 

मिले जबसे तुम कोयल कुहकने लगी 

हर डाली पे  कलियाँ हैं खिलने लगी। 


उम्मीद की किरण फिर जगने लगी 

तेरी संगत से  दुनिया बदलने लगी 

ये चाँद  और खूबसूरत लगने लगा  

चांदनी भी अपनी  बरसाने लगा 


उल्लास ज़र्रे ज़र्रे  में दिखने लगा 

मन उपवन फूलों सा  महकने लगा 

अब तो आइना भी  तेरी सूरत दिखाने लगा 

और  बड़ा सा  दिन  छोटा लगने लगा


क्यों न प्यार करले  ऐसे मौसम  में  !

ये समां मुझे  अपने प्रिय से मिलाने लगा !

11 comments:

  1. प्रेम करने के लिए भी क्या आज्ञा माँगने की आवश्यकता है?

    सतीश।

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  2. तेरी सूरत दिखाने लगी l
    दुनिया बदलने लगी ll,,

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  3. क्यों न प्यार करले l
    तेरी चाहत से ll

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  4. अब तो आइना भी l
    छोटा लगने लगा ll

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  5. ये चाँद *और खूबसूरत लगने लगा !

    चांदनी भी अपनी * बरसाने लगा !!

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  6. क्यों न प्यार करले * ऐसे मौसम में !

    ये समां मुझे * अपने प्रिय से मिलाने लगा !!

    Soo Sweet Rhythm

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