प्रिय- Love Poetry |
क्यों न प्यार करले ऐसे मौसम में
है सबकुछ भुला दिया तेरी चाहत ने
मिले जबसे तुम कोयल कुहकने लगी
हर डाली पे कलियाँ हैं खिलने लगी।
उम्मीद की किरण फिर जगने लगी
तेरी संगत से दुनिया बदलने लगी
ये चाँद और खूबसूरत लगने लगा
चांदनी भी अपनी बरसाने लगा
उल्लास ज़र्रे ज़र्रे में दिखने लगा
मन उपवन फूलों सा महकने लगा
अब तो आइना भी तेरी सूरत दिखाने लगा
और बड़ा सा दिन छोटा लगने लगा
क्यों न प्यार करले ऐसे मौसम में !
ये समां मुझे अपने प्रिय से मिलाने लगा !
प्रेम करने के लिए भी क्या आज्ञा माँगने की आवश्यकता है?
ReplyDeleteसतीश।
तेरी सूरत दिखाने लगी l
ReplyDeleteदुनिया बदलने लगी ll,,
क्यों न प्यार करले l
ReplyDeleteतेरी चाहत से ll
अब तो आइना भी l
ReplyDeleteछोटा लगने लगा ll
Waah kya Mausam hai
ReplyDeleteLovely picture
So sweet Poem😘😘😘
ReplyDeleteWaah what a mausam
ReplyDeleteBeautiful picture
ReplyDeleteये चाँद *और खूबसूरत लगने लगा !
ReplyDeleteचांदनी भी अपनी * बरसाने लगा !!
क्यों न प्यार करले * ऐसे मौसम में !
ReplyDeleteये समां मुझे * अपने प्रिय से मिलाने लगा !!
Soo Sweet Rhythm
Thanks alot :-))
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