पतंग |
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बीती है जो तेरे संग
जीये है बस वही पल
यादें है उन्ही लम्हों की
यादें है उन्ही लम्हों की
जब थी पतंग डोर के संग !
हर दिन एक नयी कहानी थी
आस्मां से ऊपर पतंग उड़ानी थी
थे आकाश में फैले हुए
बस रंग प्यार के बिखरे हुए !
वो भी क्या रंगीन शाम थी
डोर हाथ में और पतंग तेरे नाम की
एक डर था मुझे कहीं पतंग न कट जाये
डोर रहे बस हाथ मेरे
और , तू आंखों से ओझल हो जाये !
Nice 😍😍👏👏👏
ReplyDeleteNo Words...Lovely Patang
ReplyDeleteबीती है जो तेरे संग ,
ReplyDeleteजीये है बस वही पल !
यादें है * उन्ही लम्हों की ,
जब थी पतंग डोर के संग !
These lines are JAAN of the Poem...........I really like so soothing...K
V nice
ReplyDeleteBahut acchi kavita
ReplyDeleteVery nice ❤❤
ReplyDeleteNice😍😍❤❤
ReplyDeleteThanks all :-))
ReplyDelete💖
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