Friday, October 15, 2021

नियति * Niyati - हिंदी कविता

नियति - Destiny


************************************************


लिखना है पर शब्द कहाँ है 

सोचते है पर ध्यान कहाँ है 

कोई बता दे  हुआ क्या है 

हम है यहाँ  पर दिल कहाँ है ?


है एक  सन्नाटा पसरा हुआ 

हर कोना अकेले में  बसा हुआ

कोई बता दे  ये आलम क्या है  

हम है मौन  बाकियुओं को हुआ क्या है ? 


सब रास्ते है   रुके हुए 

पर भीड़ में सब चल रहे 

कोई बता दे जाना कहाँ है 

हम है तैयार अब जीना कहाँ है ?


है एक धुंध छायी हुई !

हर शख्स को  भरमाई हुई 

कोई बता दे  ये नियति  क्या है 

जिंदगी तो ठीक है   

कल का भरोसा क्या है !

                        

 

 

         


15 comments:

  1. You have written a reality of life....

    ReplyDelete
  2. Very well explained...today's life

    ReplyDelete
  3. आपने अपनी इन पंक्तियों से आज के इस भागदौड़ का बहुत ही सुंदर वर्णन किया है।जितनी भी तारीफ़ की जाए कम है।

    सतीश।

    ReplyDelete
  4. अब जीना कहाँ है
    जाना कहाँ है

    ReplyDelete
  5. Sach me great poem......
    Aap hmari filings kese smjh jate ho...,😘.....k

    ReplyDelete
  6. कोई बता दे * ये नियति क्या है ?

    जिंदगी तो ठीक है !! कल का भरोसा क्या है ?

    Every time.. I feel like reading this poem

    ReplyDelete

Favourites

Thought Of The Day # Anger

  ************************************************************************* क्रोध में मौन रहना ही उत्तम मार्ग है