Birth - God's Grace |
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ये सफर खूबसूरत लगता है।
शाख से कोई फूल गिरा लगता है ,
आती है जिसकी खुशबू मुझे
वो मुझे अपना ही अंश लगता है
सौम्य , मासूम , नटखट और खूबसूरत
जो मुझे माँ कहके बुलाता है
एक ही विधाता की संतान है हम
वो मुझे उनका ही स्वरुप लगता है
चाहू उसे हरदम खिलता हुआ देखू
वो मुझे अपने आप में एक चमन लगता है ।
क्या किस्मत होगी उस माली की
जिसकी बगिया में
उस जैसा कुसुम खिलता है !
Kya khoobsurat kavita likhi hai aapne
ReplyDeleteबहुत बढ़िया।
ReplyDeleteजरूरी नही की कद्र हो उस माली को उस फूल की।
सतीश।
Poetic voice..enjoyed👏👏
ReplyDeleteWow amazing 😍
ReplyDeleteYour Voice is also beautiful....
ReplyDeleteखूबसूरतचोट खाया लगता है l
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