Friday, October 08, 2021

कुसुम * #Birth Of A Child #Poetry On Baby Shower


Birth - God's Grace







**********************************************


ये सफर खूबसूरत  लगता है। 

शाख से  कोई फूल गिरा लगता है ,

आती  है   जिसकी खुशबू  मुझे  

वो मुझे अपना ही अंश लगता  है 


सौम्य , मासूम , नटखट और खूबसूरत  

जो  मुझे  माँ कहके बुलाता है 

एक ही   विधाता की  संतान है हम 

वो मुझे  उनका ही स्वरुप लगता है 


चाहू उसे  हरदम  खिलता हुआ देखू 

वो मुझे  अपने आप  में  एक चमन लगता है ।

क्या किस्मत होगी  उस माली की 

जिसकी  बगिया में  

उस जैसा  कुसुम  खिलता है  !



6 comments:

  1. बहुत बढ़िया।
    जरूरी नही की कद्र हो उस माली को उस फूल की।

    सतीश।

    ReplyDelete
  2. Your Voice is also beautiful....

    ReplyDelete
  3. खूबसूरतचोट खाया लगता है l

    ReplyDelete

Favourites

क्या अब भी इम्तिहान है ! #Hindi Poetry on life

Life   इम्तिहान है  ये कैसा एहसास है के दर्द भी अब रास है  बोझल है आँखें थकान से न जाने किसकी आस है  कह रही है झुकते उठते  खुद से ही ऐतराज़ ह...