Monday, October 04, 2021

अल्हड़पन * ALAHDPAN - HINDI POEM | FREESOUL | SELFLOVE | BE YOU | LOVE YOURSELF

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BE YOU









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खुले आस्मां के तले 
धुन में अपनी मस्त रहे

आवारा बादल जैसे 
जिधर चाहा  उधर चल दिए 

एक नौका पतवार बिना 
आप अपनी मंज़िल तय करे

मज़ा रहा इस जीने में 
जब नदिया  खुद अपना मार्ग चुने

है  यही  ज़िन्दगी !
फूलों और काँटों से भरी

है खुद से मेरा अपना मिलन 
मैं और मेरा अल्हड़पन  

जिया है जिसे मैंने 
मान के वरदान सजन ।

10 comments:

  1. वाह क्या खूब सूरत दुनिया बसाया बहुत सुंदर,❤️🌹 दिल मे
    By Ram Ram

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  2. बहुत सुंदर पंक्तियाँ👌👌👌

    सतीश।

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  3. आस्मां के तले अपना मिलन हो
    अपनी मंज़िल तय करे l अपना मार्ग चुनने मज़ा रहे इसे जीने में
    मेरा तेरा मिलन अल्हड़पन हो ll

    ReplyDelete
  4. Very Nice MisVi 👏👏

    Dilpreet

    ReplyDelete

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