Sunday, October 31, 2021

चाँद - रात का साथी | CHAND - RAAT KA SAATHI | Hindi Kavita


Pls Listen CHAND - Raat Kaa Saathii  to experience  more realistic poetry  by single click on below Image .


चाहू चाँद में तुझे चुरा लू ..

दुनिया की नज़रों से  तुझको छुपा लू !

देदू इतना प्यार तुझे मैं 

धरती और अम्बर की दूरी मिटा दू !


इतनी बातें तुझसे करलू !

रात का तुझको साथी चुन लू  !

साथ में तेरे मिलके  ऐ चाँद 

दुनिया की मैं  सैर करलू !


चाँदनी को तेरी  अपना गहना बना लू !

शीतलता को अपने मन में बसा लू !

मान लू अपना  चाँद  🌛  तुझे मैं 

और तुझको अपने माथे  🌙 पे सजा लू !! 

चाँद - रात का साथी









Thursday, October 28, 2021

फिर कह दो .. | Fir Keh Doo | Sad Poetry On Love

फिर कह दो













एकबार फिर कह दो ...

जो झूठ है , वही कह दो ...

साथ छोड़ा है  तुमने ही !

पर दोष हमें दे दो !! 


एकबार फिर कह दो ...

रिश्ता क्या है ? कह दो ...

तुमसे निभाया न गया !

साथ हमने छोड़ा .. कह दो !!


एकबार फिर कह दो ...

हम गलत है ! कह दो ...

तुमसे जो की .. उम्मीद !

उसकी सज़ा दे दो !!

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Kindly watch Short video On FIR KEH DO 





Tuesday, October 26, 2021

पतंग | हिंदी कविता | PATANG | Poem on Kite

पतंग


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बीती है जो तेरे संग 

जीये  है बस वही पल 

यादें है  उन्ही लम्हों की 

जब थी पतंग डोर  के संग !


हर दिन एक नयी कहानी थी 

आस्मां से ऊपर पतंग उड़ानी थी 

थे आकाश में फैले हुए 

बस  रंग प्यार के बिखरे हुए !


वो भी क्या रंगीन शाम थी 

डोर हाथ में और पतंग तेरे नाम की 


एक डर था मुझे  कहीं पतंग न कट जाये 

डोर रहे  बस हाथ मेरे 

और , तू आंखों से ओझल हो जाये  !


Sunday, October 24, 2021

प्रिय -हिंदी कविता #Poetry On Valentine's Day

प्रिय- Love Poetry

 


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क्यों न प्यार करले  ऐसे मौसम  में  

है सबकुछ भुला दिया तेरी चाहत ने 

मिले जबसे तुम कोयल कुहकने लगी 

हर डाली पे  कलियाँ हैं खिलने लगी। 


उम्मीद की किरण फिर जगने लगी 

तेरी संगत से  दुनिया बदलने लगी 

ये चाँद  और खूबसूरत लगने लगा  

चांदनी भी अपनी  बरसाने लगा 


उल्लास ज़र्रे ज़र्रे  में दिखने लगा 

मन उपवन फूलों सा  महकने लगा 

अब तो आइना भी  तेरी सूरत दिखाने लगा 

और  बड़ा सा  दिन  छोटा लगने लगा


क्यों न प्यार करले  ऐसे मौसम  में  !

ये समां मुझे  अपने प्रिय से मिलाने लगा !

Saturday, October 23, 2021

सफर - हिंदी कविता | Hindi Poem On Safar - The Journey Of Life..

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 Safar - The Journey Of Life..

 सफर - The Journey Of Life.


  







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जिंदगी रही सफर में 

सफर ही जिंदगी रहा  

कभी अकेले रहे हम 

कभी साथ किसी का मिल गया 


बीता सफर यूँ जैसा के  

पलकें झुकी मेरी 

आंखें खुली  तो पाया 

हाथों से लकीरें ही मिट गयी ।


मिले सफर में जो  मेरे अपने ख़ास थे 

मूँद लू आंखें  तो चेहरे वही दिखे 

छूट गए जो सफर में वो भी अज़ीज़ थे 

हम कुछ नहीं थे उनके पर वो मेरे करीब थे !


ज़िन्दगी सफर में खुद से रूबरू कराती रही मुझे 

है सफर ही ज़िन्दगी बस बताती रही मुझे 

जो मिल गया मुझे वो भी मेरा नहीं 

बस इसी बात का एहसास कराती रही मुझे  !

Friday, October 22, 2021

संसार * SANSAAR - HINDI POEM



चलो कुछ बात करे ,

आज एक साथ रहे । 

कुछ तुम हमसे कहो ,

हम तुमसे कहे । 


फिर छेड़े पुराने किस्से *

कोई पूरानी * तान सुने ,

चलो कुछ बात करे। 


फिर तुमसे - एकबार  मिले !

सूरत को तेरी निहारे । 

 तेरी आँखों से दिल में उतरके !

अपना तुझको बना ले । 


फिर चुपके से * पास आके !

सारी  दूरियां अपनी  मिटा दे ।। 

और फिर कह्दे * एकबार ,

है !  तुझसे ही ,  मेरा संसार  ।।।। 



Tuesday, October 19, 2021

मोहब्बत * Shayari


इश्क़ हम * तुझसे डरते है !

ये प्यार न हो * बस कहते है !

जीते जी * जो मार दे  ... !

मोहब्बत * उसी  को कहते है !!


शुरुवात * SHURUWAT - HINDI KAVITA



ये शुरुवात कैसी होगी ?

तुझसे मुलाकात कैसी होगी ?

जिसे देखने की तम्मना है मुझे !

जाने वो बरसात कैसी होगी ! 


एक उम्मीद बंधी होगी !

कोई  फ़रियाद पूरी होगी। 

जिसे माँगा है दुआओं  में ही ,

जाने वो मुराद कैसी होगी।। 


कुछ भीगी पलकें होंगी। 

थोड़ी मायूसी छायी होगी ,

जिसे देखे सुकून आएगा !

जाने वो सूरत कैसी होगी ?


जो हर वक़्त साथ रहा मेरे !

मुझको अपनी बांहो में लिए !

जब सामने आएगा वो !

जाने वो ख़ुशी कैसी होगी ?

  

Sunday, October 17, 2021

लोह पथ गामिनी - रेल : रेलयात्रा * हिंदी कविता - RHYTHMIC POEM ON TRAINS JOURNEY

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          **** रेलयात्रा *****

 रेल : रेलयात्रा 


 





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लहरों सी लहराती जाये 

सीटी बजाती धुआं उड़ाती जाये 

कोई न रोक सके रफ़्तार 

लोह पथ गामिनी ये कहलाये


दुनिया भर का  बोझ उठाये 

रात और दिन का सफर कराये 

सबसे उत्तम इसकी  सवारी 

सबकी सुरक्षा की जिम्मेदारी 


भ्रमण रेल का  मन भरमाये  

कुल्हड़ की चाय  जी ललचाये 

चाट पकोड़ी  चटनी कचौड़ी 

सब्ज़ी - पूरी  भूख बढ़ाये ।


रेल की दोस्ती  याद रह जाये 

छोटी मुलाकातें बड़ी बातें कराये 

मिलजुल के हमें  रहना सिखाये 

भेदभाव की भावना  मिटाये 


नगरी नगरी सबको पहुचाये 

दोस्तो, रिश्तेदारों से हमें मिलाये 

कश्मीर से कन्याकुमारी की 

यात्रा  ये आसान बनाये


मंज़िल से ज़ादा  सफर का मज़ा है 

होता सबको उल्लास बड़ा है 

रेल से सीखा  हमने यारो 

मिलो की दूरी तत्काल में हो जाये 

रिश्ते हो करीब तो दूरी घट जाये। 



Friday, October 15, 2021

नियति * Niyati - हिंदी कविता

नियति - Destiny


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लिखना है पर शब्द कहाँ है 

सोचते है पर ध्यान कहाँ है 

कोई बता दे  हुआ क्या है 

हम है यहाँ  पर दिल कहाँ है ?


है एक  सन्नाटा पसरा हुआ 

हर कोना अकेले में  बसा हुआ

कोई बता दे  ये आलम क्या है  

हम है मौन  बाकियुओं को हुआ क्या है ? 


सब रास्ते है   रुके हुए 

पर भीड़ में सब चल रहे 

कोई बता दे जाना कहाँ है 

हम है तैयार अब जीना कहाँ है ?


है एक धुंध छायी हुई !

हर शख्स को  भरमाई हुई 

कोई बता दे  ये नियति  क्या है 

जिंदगी तो ठीक है   

कल का भरोसा क्या है !

                        

 

 

         


Monday, October 11, 2021

चाँद संग चकोर * CHAND SANG CHAKOR - HINDI KAVITA

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 चाँद संग चकोर 




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किसी रोज़ तेरे साथ में 

तारो की  छाओं में  

 ले हाथों को हाथ में 

चांदनी  रात में 

जियेंगे  कुछ पल  साथ में  !


हो समां वो खुशनुमा 

एक चाह में लिपटा हुआ 

के   देखू जब मैं आईना 

तेरा चेहरा ही मुझे दिखे !

 
उस रात की  न भोर हो 

बस सुकुन चहु और हो 

हो जुगनू  जगमगा रहे 

हो एक आस में  चमक  रहे !


के  मिलना  तेरा मेरा हो 

न  दरमियाँ   कोई रहे

दिल  मेरा यही कहे 

के अब चकोर चाँद संग  रहे !! 





 


Friday, October 08, 2021

कुसुम * #Birth Of A Child #Poetry On Baby Shower


Birth - God's Grace







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ये सफर खूबसूरत  लगता है। 

शाख से  कोई फूल गिरा लगता है ,

आती  है   जिसकी खुशबू  मुझे  

वो मुझे अपना ही अंश लगता  है 


सौम्य , मासूम , नटखट और खूबसूरत  

जो  मुझे  माँ कहके बुलाता है 

एक ही   विधाता की  संतान है हम 

वो मुझे  उनका ही स्वरुप लगता है 


चाहू उसे  हरदम  खिलता हुआ देखू 

वो मुझे  अपने आप  में  एक चमन लगता है ।

क्या किस्मत होगी  उस माली की 

जिसकी  बगिया में  

उस जैसा  कुसुम  खिलता है  !



Wednesday, October 06, 2021

# In Love With Nature # Attraction Of Beauty # Hindi Poetry On Love

Love With Nature


उफ़ ये मौसम 

सुहानी सी फ़िज़ा 

उसपे ये अदा 

कैसे न हो फ़िदा 

फिर भी इलज़ाम 

 कैसे नादान 

कातिल है कौन 

अब कहे * कौन 

 हार गए  

हम खुद ही दिल को 

अब  तुझको इलज़ाम दे कौन ?


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Monday, October 04, 2021

अल्हड़पन * ALAHDPAN - HINDI POEM | FREESOUL | SELFLOVE | BE YOU | LOVE YOURSELF

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BE YOU









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खुले आस्मां के तले 
धुन में अपनी मस्त रहे

आवारा बादल जैसे 
जिधर चाहा  उधर चल दिए 

एक नौका पतवार बिना 
आप अपनी मंज़िल तय करे

मज़ा रहा इस जीने में 
जब नदिया  खुद अपना मार्ग चुने

है  यही  ज़िन्दगी !
फूलों और काँटों से भरी

है खुद से मेरा अपना मिलन 
मैं और मेरा अल्हड़पन  

जिया है जिसे मैंने 
मान के वरदान सजन ।

Friday, October 01, 2021

नज़रअंदाज़ - Short Poetry On Ignorance Or Avoidance In Love

 नज़रअंदाज़ 








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एक अरसा हुआ मिले 

तेरी मेरी बात हुए 

और कितना इंतज़ार करे 

सोचते है तेरी तरह 

हम भी तुझे नज़रअंदाज़ करे !



                

 

      

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