Friday, September 17, 2021

तेरे संग (हिंदी कविता ) * TERE SANG

 तेरे संग

   



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  ** तेरे संग **

विश्वास नहीं दिला सकते 

जो सच है उसे झुठला नहीं सकते

निकाल कर  देदे अगर जान अपनी 

तो भी तेरे प्यार की कीमत चुका नहीं सकते 


अपनी  दूरियों का हिसाब लगा नहीं सकते 

क्या - क्या नाम मिले  तेरा होके  बता नहीं सकते  

तुमसे  ही तुम्हारे जाने की शिकायत करनी है 

पर तुमको अब वापिस बुला नहीं सकते 


कह सकते  तो बस इतना कहते 

इन  फ़ासलो  को कम करते 

तुम साथ देते अगर 

तो आज हम संग होते है

 

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14 comments:

  1. विश्वास नहीं दिला सकते
    तेरे प्यार की कीमत चुका नहीं सकते
    दूरियूं का हिसाब लगा नहीं सकते
    अब इसे झुटला नहीं सकते।

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  2. अब इसे झुटला नहीं सकते।

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  3. क्या - क्या नाम मिले ! तेरा होके ! बता नहीं सकते । ......SO DEEEEP

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  4. अब तक कि सर्वश्रेष्ठ रचनाओं में से एक आपकी ये रचना है।

    आपकी कविता ने तो इस प्रकार से वार किया है कि बहित कुछ कहना चाहता हूं लेकिन न जाने क्यों इस बार निःशब्द कर दिया।

    सतीश

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    1. मैं आप कि बातो का समर्थन करता हूं

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  5. Aapki poem bhot hi khubsurat hai..❤️❤️

    जो सच है * उसे झुठला नहीं सकते।
    😜🥰👍

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  6. Just in love with your poetries❤❤❤

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  7. विश्वास नहीं दिला सकते
    जो सच है, उसे झुठला नहीं सकते।

    तुझे खोया है पाकर हमने…..
    अब खुद को खोकर भी ,तुझे पा नहीं सकते।।..

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