Saturday, September 18, 2021

तलाश - Short Hindi Poetry

तलाश




ये क्या माज़रा है ,तू  है नहीं कहीं 

पर तेरी तलाश हर जगह है !

6 comments:

  1. This comment has been removed by a blog administrator.

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  2. बहुत बढ़िया लिखा है।

    कहते है न कि ये उम्मीद ही है
    जिसने अब तक उसे यादों में जिंदा रखा है।

    है मेरे मन में ये वहम।
    छोड़कर अपने अंदर का अहम।
    ढूँढ रहा हूँ तुझे इस जहाँ में।

    सतीश।

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  3. तू है नहीं कहीं !

    पर ,तेरी तलाश !

    हर जगह है !!

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