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ये फ़ासला कम न हुआतुझसे मिलना न हुआ
क्या किस्मत रही अपनी
जिसे चाहा वही
अपना न हुआ !
By Vinita
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आज नहीं तो कल बनेंगे मेरे बिगड़े काम भोलेनाथ पे विश्वास मुझे है वो सुनते मन की बात देर है पर अंधेर नहीं जाने सब संसार परम पिता परमेश्वर ...
No Words Mam....
ReplyDelete❤❤❤
ReplyDeleteकिस्मत रही अपनी !!
ReplyDeleteजिसे चाहा वही *
अपना ही हुआ।।
कौन कहता है शब्द में महक नहीं होता
ReplyDeleteकौन कहता है शब्द में खुशबू नहीं होती
जिसे संदेह हो वह आप कविता को पढ़ ले बहुत सुन्दर प्रस्तुति विनिता जी
धन्य धन्य हो आप
Waah waah
ReplyDeleteवाह वाह क्या लिखा है।
ReplyDeleteसब क़िस्मत की बात है।
सतीश।
Wow....can't say in words...
ReplyDeleteIn love.....
ReplyDeleteWah... emotions are expressed wonderfully..
ReplyDeleteFrom Neelu
Thank you friends & unknowns :)
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