Saturday, September 25, 2021

रेशम की डोर * - RESHAM KII DOR

रेशम की डोर

 





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है मुश्किल तेरा मेरे साथ होना 

जैसे हो  धूप में बारिश का होना

लगता कठिन  तेरे पथ पे चलना 

जैसे  पथरीले रास्ते पे नंगे पाओं चलना 


फिर भी  खिंचता है दिल तेरी ओर 

नहीं टूटती मुझसे  रेशम की डोर 

चाहती हूँ  तुझसे लगा लू दिल 

भूल के सब अपनी मुश्किल


है  उमीदे तुझसे बड़ी 

क्या मैं  तुझपे करलू यक़ीन ?

मान लू तुझे अपना हो जाऊ तेरी 

और तोड़ दू सारे बंधन मैं अपने सभी !

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