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तेरे आने से जो रौनक है
चेहरे पे आयी गुलाबी रंगत है
है नूर सब जगह छिटका हुआ
और मन मेरा है मयूर हुआ
दिल में है जो कहना है तुमसे
आज फिर खुदको छुपाना है तुममे
तेरी आँखों में देखी है तस्वीर अपनी
तुझको भी तो खुद को पाना है मुझमे
ज़ादा कुछ नहीं चाहा है तुमसे
बस जीना है मुझको तुम्हारा बनके
Sch me bss jina fir se tera hoke..... Bhot hi umda khubsurat khyal likhe hai aapne poem me..😜......k
ReplyDeleteआपकी कविता की गुलाबी रंगत सब जगह छा गई😍😍
ReplyDeleteज़ादा कुछ नहीं चाहा है तुझसे !
ReplyDeleteबस फिर एक बार..
जीना है तेरा होके।। पर मेरी रगत बिगड़ गई
Bhut badiya
ReplyDeleteDilpreet
बहुत खूब बहुत अच्छी लगती हैl जब आप आप कि कविता पढ़ता तो चेहरे पे खुशी मन मे उत्साह जागृत हो जाती है
ReplyDeleteR k
Beautiful ❤️
ReplyDeleteThanks friends:)
ReplyDeleteBahut achi Kavita hai..very nice
ReplyDeletev nice didi
ReplyDeleteThnx :))
ReplyDeleteबहुत बढ़िया 👌👌👌
ReplyDeleteBahut khub surat
ReplyDeleteBeauty....
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