Thursday, August 05, 2021

# वही शाम # Sad Poetry On Memories

 वही शाम - Memories

 


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चली है फिर तेरे यादो की आँधी 
और साथ ले आयी वही शाम पुरानी


फिर कैद कर लिया तेरे साये ने मुझको 
और तेज़ हो गयी ये धड़कने हमारी


रह गए सब अरमान सीने में दबकर 
साथ रह गयी है बस कहानियां हमारी


फिर पुकारा है किसी ने नाम से तुम्हारे मुझको 
है अब  तुम्हारे  नाम से ही पहचान हमारी।
   


                                                                                


 


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