Thursday, August 26, 2021

सिलसिला - हिंदी कविता - SILSILA HINDI KAVITA

Pls Listen SILSILLA  to experience  more realistic poetry by single click on below Image .    

   


सिलसिला








*********************************

ये सादगी  जो मन मोह लेती है 
क्या आना होगा कभी 
जो सड़के रुख मोड़ लेती  है 

क्या पता छोटी है ज़िन्दगी बड़ी
मिल जाओ  तुम भी कही 
क्या पता फिर चर्चा हो तेरे नाम का 
और बयान हो हाल  फिर अपने हाल का 

फिर चले हम किसी नए सफर पे 
जीवन की इस लम्बी डगर पे
फिर शुरू एक नया सिलसिला रहे 
मुझे तुझसे और तुझे मुझसे
फिर कोई भी जुदा  न करे। 




26 comments:

  1. वाह वाह क्या बात हैI
    सिलसिला ये यूँ ही चलता रहेगा।

    सतीश।

    ReplyDelete
  2. Nice poem..
    Aapki poems ka silsila ese hi chltq rhe,🌹😊..,...k

    ReplyDelete
  3. V nice didi ये सादगी - जो मन मोह लेती है,

    क्या आना होगा कभी ?

    जो सड़के ..रुख मोड़ लेती है।



    क्या पता ! छोटी है ज़िन्दगी बड़ी !

    कभी मिल जाओ , तुम भी कही।



    क्या पता फिर - चर्चा हो तेरा नाम का ,

    और बयान हो हाल .. फिर अपने हाल का।



    फिर चले * हम किसी नए सफर पे

    जीवन की इस लम्बी डगर पे।



    फिर शुरू..एक नया सिलसिला रहे ,

    मुझे तुझसे और तुझे मुझसे

    फिर कोई भी जुदा न करे।।

    ReplyDelete
  4. वाह वाह आप कि भी रचना भी किस किस सुंदर भाव मे किया हो गा
    जिसकी रचना इतनी सुंदर ओ कितना सुंदर होगा R K Pandey

    ReplyDelete
  5. आप कि कविता तो मन मुग्ध कर देता है
    ये कैसी सिलसिला है,? सुंदर भाव

    ReplyDelete
  6. कया खूब वर्णन करती हैं
    आप अपनी कल्पनाओं का ,
    दुआ है ये सिलिसिला कभी न रुके
    आपकी अद्भुद रचनाओं का ।। 👏💞

    ReplyDelete

Favourites

Thought Of The Day # Anger

  ************************************************************************* क्रोध में मौन रहना ही उत्तम मार्ग है