ज़ज़्बात
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कभी बिन कारण भी मिलो हमसे !जब कुछ कहना न हो, कोई बात न हो
तब भी ..बातें होंगी तुमसे ,
जब हमारे पास - कोई बात न हो।
साथ तेरे - रहना ही काफी है
अगर तेरा - कोई बहाना न हो।
हम बिन - बोले भी रह लेंगे ,
बस तू - ज़ज़्बात समझने वाला हो।
कुछ दिन, कुछ पल और कितने साल..
बिन तेरे - कैसे दिन बिते यार !
है कुछ भी ..मुझको नहीं याद !
बस तू याद.. दिलाने वाला हो।
क्या है ? कौन है ? और कैसा है ?
क्या इन सवालों का जवाब है ?
तू आके ..कह दे एक बार ,
के तू * साथ निभाने वाला है।।
By Vinita
Kya khub wah wah bahot sundr kvita hai.....🌹🌹k
ReplyDeleteThnx ji
Deleteosm
ReplyDeleteNice
ReplyDelete,✍️👌💗 लिखा है
ReplyDeleteThnx
Deleteवाह वाह बहुत खूब
ReplyDeleteWonderful as always ❤️
ReplyDelete❤💜❣
Deleteहर बार मुलाक़ात के बाद होती है गुफ्तगू और फिर कुछ दिनों बाद मिलने की होती है आरजू।
ReplyDeleteSahi hai..
DeleteBahut hi khubsurat andaaz-e-bayaan💕
ReplyDelete❤
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