कविता पे कविता -world poetry day |
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क्या कविता पे कविता लिखे
इसकी खूबसूरती को क्या कहे ?
मन की उमंगो को शब्दों में रचना
मानो गागर में है सागर को भरना।
मिली एक नयी पहचान है
कविता लिखना मेरा अरमान है
अब न कोई दोस्त तुझसा लगे
कवि और कविता का साथ ही अच्छा लगे
सुंदर सी कलम मेरे हाथ सजे
कितना प्यारा ये साथ लगे
हीरे मोती जैसे अक्षर लगे
मायने जिनके समंदर से गहरे लगे
दिल खोल के अपना में रख दू
बेरंगो में भी रंग भर दू
ऐसी कविता मैं लिख दू
के शब्दों में अमृत भर दू
कविता तुझको सलाम है आज की कविता सिर्फ तेरे नाम है।।
Wah it's nice poem .... 😘
ReplyDeleteकवि और कविता के अंतरसंबंधों को क्या खूब संजोया है।
ReplyDeleteसतीश।
Thnx Satish
Deleteक्या मजाल है हमारी
ReplyDeleteजो आपकी कविता पर सवाल करें,
आपके अल्फाजों में वो जादू है,
की आपकी हर रचना बवाल करे। 💘
Shukriya jii
DeleteKavita Tujhe Salam hai👌👌
ReplyDeleteJii Salaam Hai
Deleteसमय जब करता वार
ReplyDeleteतन की सुंदरता
जाती हार
मन की सुंदरता पर
नहीं कर सकता कोई प्रहार
मन जब हो निर्मल
तभी प्रयास होते है सफल
जब होता मन निश्चल और निःस्वार्थ
प्रेम का तभी ही है कोई अर्थ l l
very nice :))
Deleteउसे देखा नही बस
ReplyDeleteमहसूस किया है
कमबख्त जिन्द्गी का अहसास कराती है,
जब भी करीब होती है
अपनेपन की याद दिलाती है
उसके होने की समझ में ही जी लेने में मजा है,
है मेरी वो खुशी
आती है और चली जाती है
Hmmm, Beautiful lines.
ReplyDeleteWah! kitna khubsoorat likha hai
ReplyDeleteThanku all
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