Monday, August 02, 2021

गुलज़ार *हिंदी कविता - GULZAR HINDI POEM

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ये चाँद, सितारे और ये रात
याद दिलाते तेरी ..हर बात। 
ये गुलाब, मोगरा और चन्दन !
महके अब भी ..मेरे अंदर। 

ये गजरा ,बिंदी, चूड़ी, पायल 
सजते अब भी.. मुझे पे साजन। 
ये प्यार , गिला तुझसे तकरार !
सब याद दिलाता ..तेरा इंतज़ार। 


फिर सुनी  !तेरे दिल की बात 
होके एक दूजे के साथ। 
भूली मैं खुद को फिर एक बार,

आके तेरी बाहोँ  में,  मैं होके गुलज़ार।।


12 comments:

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Radhe krishna

  एक दूसरे के प्रति सेवा भाव ,आदर सत्कार  और प्रेम में ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है l