Tuesday, August 10, 2021

साथी तुम्हारा * हिंदी कविता * HINDI POEM SATHI TUMAHARA *

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साथी तुम्हारा 

कह दिया है मान लो 
मेरा कहा भी जान लो
साथी तुम्हारा मैं ही हूँ !
अधिकार अपना भी जता दो 
 
 है दोस्ती मुझे अजीज बड़ी
साथ अपना किसी से कम नहीं 
छोड़ के जायेंगे न कभी 
दोस्ती है कोई मज़ाक  नहीं 

जान हाज़िर है हर खाविश पे तेरी 
रिश्ता दोनों का है अकेला का नहीं 
तू संकोच न कर कहने में कभी 
दोस्त हूं तेरा कोई अजनबी नहीं 



 

                                                                   

6 comments:

  1. कह दिया है.. मान लो ,

    मेरा कहा भी..जान लो

    साथी तुम्हारा मैं ही हूँ !

    अधिकार अपना भी जता दो | वाह वाह कितनी सुंदर रचना

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  2. khwahish bss itni hai ye poem ki dosti ese hi brkrar rhe .... nice poem.... k

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