क्या करे ! |
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क्यों इतना समझ लिया
के कुछ कहना ही न पड़े
अब दिले हाल तो ठीक है !
अपनी शिकायतों का क्या करे ?
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आज नहीं तो कल बनेंगे मेरे बिगड़े काम भोलेनाथ पे विश्वास मुझे है वो सुनते मन की बात देर है पर अंधेर नहीं जाने सब संसार परम पिता परमेश्वर ...
Bhot khubsurt poem hai..... comment to bnta hai kya kre....k
ReplyDeleteShikayaten apno se ki jaati hai gairo se nahi
ReplyDeleteSundar 4 line Kavita
ReplyDeleteफिर हुई तेरी यादो की बरसात
ReplyDeleteफिर भीगे हम तेरे खयालो के साथ
वाह वाह क्या बात है
ReplyDeleteक्यों, इतना समझ लिया ?
ReplyDeleteके, कुछ कहना ही न पड़े
अब दिले हाल तो ठीक है
क्यों, इतना समझ लिया ?
ReplyDeleteके, कुछ कहना ही न पड़े
अब दिले हाल तो ठीक है
V nice
DeleteGjb
ReplyDeleteVvvnice didi
ReplyDeleteV nice
ReplyDeleteBeautiful words like ur beauty
ReplyDeleteperfect poem :)
ReplyDeleteThanku all :)
ReplyDelete"क्या करे" ये तो"".........? बहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteSACH HAI
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