एक दूसरे के प्रति सेवा भाव ,आदर सत्कार
और प्रेम में ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है l
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गोपाला प्रभु नाम थारो
गोपियन की मटकी तोड़ डारो
माखन देख तोरा जी ललचाए
नटखट कन्हैया बाज़ न आये
आंख मिचोली मैया के संग
रात दिन उनको सतायु
ऐसो छलियौ छैल छबीलो
हर कोई तोको नज़र लगायौ
बालों में है मोर पंख को
नैनन में तोरे कजरा सुहायो
छोटे से मुख में ब्रह्माण्ड दिखत है
कैसे कोई तोको जान पायो
राधा संग तोरी प्रीत पुरानी
गोपियन संग रास रचयओ
ऐसी लीला कान्हा तोरी
सुनत कहत मोरा दिन ढल जायौ
आज नहीं तो कल बनेंगे
मेरे बिगड़े काम
भोलेनाथ पे विश्वास मुझे है
वो सुनते मन की बात
देर है पर अंधेर नहीं
जाने सब संसार
परम पिता परमेश्वर
न करते कभी निराश
जो भी उनके दर पे आए
न जाये खाली हाथ।
हे भोलेभंडारी त्रिपुरारी
तुम हो जटाधारी
हाथ में त्रिशूल और माथे पे चंद्र
नंदी का साथ और सापों का संग
पल भर में मान जाते ऐसे भगवन
रूद्र रूप तेरा अति प्रचंड
हो भोलेनाथ प्रभु भक्तन की आस
कृपा करो इतनी रहु तेरा दास
परम पिता परमेश्वर देवो के देव
हे भोलेभंडारी त्रिपुरारी
मैं तेरे कदमो की रज
मेरा ये जीवन
प्रभु तुझको अर्पण।
यह पंक्तियाँ मंजिल के बारे में नहीं है
यात्रा के बारे में है इसलिए
रस्ते के हर कदम का आनंद लें
और खुश रहे !
यह पं
क्तियाँ मंजिल के बारे में नहीं है
यात्रा के बारे में है इसलिए
रस्ते के हर कदम का आनंद लें
और खुश रहे
एक बोझ दिल पे लिए
जी ली है ज़िन्दगी
मिलेंगे फिर कभी ये सोचके
जी ली है ज़िन्दगी
अलविदा कहके कभी
देखा नहीं मुड़के
सलाम को सलामती समझ
जी ली है ज़िन्दगी
आखिरी दीदार ए सूरत
याद है मुझको
जो सोचा नहीं कभी
वो हक़ीक़त देख ली हमने
मिला न फुर्सते सुकून कभी
जो हाले दिल कहते
बस आज कल के इंतज़ार में
जी ली है ज़िन्दगी
मिलाया तुमसे खुदाया
है रहमते उसकी
हाँ नाज़ करते तुमपे
जी ली है ज़िन्दगी
जिस पर श्री राम की कृपा होती है उस पर हर कोई कृपा करता है ।।
राधे राधे तेरा नाम
जपु निरंतर सुभू शाम
बनते मेरे बिगड़े काम
राधे माँ का लेके नाम
सब पे कृपा बरसाने वाली
कान्हा जी को हो अति प्यारी
श्री कृष्णा से पहले तेरा नाम
तेरे चरणों में मेरा प्रणाम
एक नज़र कृपा की करदो
भक्तो की अब झोली भरदो
निसदिन गए तेरे गुणगान
राधे राधे तेरे नाम
जय श्री राधे
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एक दूसरे के प्रति सेवा भाव आदर सत्कार और प्रेम में ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है
क दूसरे के प्रति सेवा भाव
आदर सत्कार और प्रेम में ही
ईश्वर की सच्ची भक्ति है
एक
दूसरे के प्रति सेवा भाव
आदर सत्कार और प्रेम में ही
ईश्वर की सच्ची भक्ति है
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सर्वयापी प्रभु तुम
हारे का सहारा तुम
भटके हुए को राह दिखा दे
बांह पकड़ कर पार लगा दे
दिल से तुमको याद करे जो
अबतो उसको दरस दिखा दे
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सर्वयापी प्रभु तुम
हारे का सहारा तुम
भटके हुए को राह दिखा दे
बांह पकड़ कर पार लगा दे
दिल से तुमको याद करे जो
अबतो उसको दरस दिखा दे
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क्रोध में मौन रहना ही उत्तम मार्ग है
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ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
श्री कृष्णा कहते की मनुष्य को फाल की इच्छा किये बगैर अपने कर्त्वय को करते रहना चाहिए।
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मसरूफ है इस कदर इस ज़िन्दगी मे
रूबरू है हर पहर एक नयी कशीदगी मे ||
दिन की शुरुवात है और दिन ख़तम हो चला
रोज़ की तरह यूँही फिर ऐतबार हो चला ||
कह रही है वादियाँ, दरख्त और ये क्षितिज
सुकूं को जो तुझको दे रहा वो साथ साथ चल रहा ||
तमाशबीन है सभी और मौन हर शक़्स है
क्या दिलो में चल रहा ये जानता कौन है ||
कोई मिले कही कभी तो हाल उसका पूछ लो
इस मतलबी ज़हान में किसी को तो अपना लगो ||
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Ankylosing Spondylitis |
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Teacher's Day |
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गुरु गोविन्द दोउ खड़े
काके लांगु पाएं
बलिहारी गुरु आपने
गोविन्द दियो बताये
इस दोहे के अनुसार
गुरु और भगवान् दोनों ही सामने खड़े है
लेकिन गुरु ने भगवान् के बारे में शिष्य को अवगत करा रखा है
और जो ज्ञान देता है वही गुरु है और बिना गुरु के ज्ञान नहीं मिलता
इसलिए गुरु के चरण स्पर्श प्रभु से पहले किये जाते है।
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जब मैं था वो नाही
अब वो है मैं नाही
प्रेम गली इतनी सांकरी
इसमें दो न समाही ||
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Life इम्तिहान है |
ये कैसा एहसास है
के दर्द भी अब रास है
बोझल है आँखें थकान से
न जाने किसकी आस है
कह रही है झुकते उठते
खुद से ही ऐतराज़ है
छलावे की ज़िन्दगी में
किसपे ऐतबार है !
मूँद ली ऑंखें अब
दीखता सबकुछ साफ़ है
क्यू होगा अब उज्र किसी से
हम भी तो नादान है
चल रहे है भेड़ चाल
ये भी कहा आसान है
कलेजा रख दिया निकाल के
क्या अब भी इम्तिहान है !
एक ही जनम में जी ली है कई बार
सफर ऐ ज़िन्दगी में ठहराव नहीं है
बिता हुआ मंज़र है आँखों के सामने
बढ़ चुके है आगे मगर ऐतबार नहीं है
रुकू किसी मोड़ पे तो सवाल है कई
भागते है खुद से या पहचान नयी है
क्या खो दिया है हम भी कभी जान न सके
तलाशती आंखों को कई बार जुगनू दिखे
कहना तो कुछ नहीं है एक शिकवा है ज़रा
क्यू किराये की ज़िन्दगी में एहसान बहुत है
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इंतज़ार |
जो दिल में है कह देते है
इश्क़ जो तुमसे करते है
अंधेरो से रौशनी की बात करके
दिल के चिरागो को रौशन करते है
रास्तों से मंज़िल का पता पाते है
और भूले हुए को रास्ता बताते है
अपने ख्यालों से ले सुकून
एक नया आशियाँ बनाते है
करना है दूर तक सफर तन्हा
इसलिए यादों को जवां रखते है
फ़िज़ूल है तुमसे वफ़ा की उम्मीद
इसलिए ज़ख्मो को हरा रखते है
चेहरे पे न दिखे दिल की तख्ती
इसलिए मुस्कान बड़ी रखते है
तुम आओ या न आओ दोस्त मेरे
हम इंतज़ार तेरे सुभू शाम करते है
ज़िद्दी स्वाभाव बचकानी हरकते
अपनी मनमानी और तेवर तीखे
रोते हुए को भी हँसा दे
चेहरा देख के हाल बता दे
कोई बहाना जहां चल न पाए
हर बात पे कसम उठाये
परवाह ऐसी अधिकार जताये
कोई कबतक नज़र चुराए
गुस्से में भी इतना सत्कार
आप के अलावा कोई शब्द न आए
खुद से ज़ादा परवाह करे जो
ऐसे प्रिय को कौन सताए
अशआर
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(समय / वक़्त) |
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समय ने धुंद की चादर हटा दी
और वास्तविकता की पहचान करा दी
मुखोटे थे सुन्दर मासूम और निश्छल
वक़्त के थपेड़ो ने असलियत दिखा दी
वो धोखे में जीना खुदी में ही रहना
नए आईने ने वो पहचान मिटा दी
अब जैसा है चेहरा वैसा लगे तिलक
रूपए ने इंसान की कीमत घटा दी
वो लहज़ा वो अदब वो रीति रिवाज़
नए चलन ने वो तहज़ीब भुला दी
अशआर
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Life Quotations In Hindi |
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ज़िन्दगी कुछ ऐसे गुज़र गयी
हर रिश्ते में एक रिक्तता रह गयी
मिन्नतों से मिले थे जो हमें
उनके बिछड़ने की कसक आमरण रह गयी
निरस्ता हर चेहरे पे अब दिखने लगी
लगता है दूभर समय की परख होने लगी
वयस इतनी नहीं जितनी खिन्नता मिली
यहाँ खोने के लिए कुछ नहीं ऐसी अमीरी मिली
साथ चले तो बहुत पर साथ निभा न सके
जहाँ वास्तविकता हो वहाँ व्योहार न चले
अशआर
उन आँसुओं का क्या जिन्हे तुम रोक न सको
और वो परवाह है कैसी जिसे तुम जता न सको
बेइंतिहा गिले शिकवे और बदनामी लिए हुए
देखु कैसे ये आईना अपनों कि तोहमत लिए हुए
कसूर है किसका सजा किसको मिली है
टूटा है ये दिल इतना के आवाज़ न हुई है
हार गए है किस्मत से लकीरो में तेरा नाम नहीं
बदनामी के सिवा इस रिश्ते का और कोई अंजाम नहीं
ख़ामोशी है दरमियाँ के कोई उम्मीद नहीं है
भूलू कैसे तुम्हे के तेरे सिवा कुछ याद नहीं है
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श्री राम |
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हरि अनंत हरि कथा अनंता। कहहिं सुनहिं बहुबिधि सब संता॥
रामचंद्र के चरित सुहाए। कलप कोटि लगि जाहिं न गाए॥
जिस प्रकार प्रभु अनंत है जिनका कोई पार नहीं पा सकता
उसी प्रकार से भगवान की कथाएं भी अनंत है ॥
सब संत लोग इन्हे अनेक प्रकार से कहते सुनते है
श्री राम चंद्र जी का सुन्दर चरित्र करोणो युगो में भी गाए नहीं जा सकते ॥
Pls enjoy the short clip on SiyaRam